101 Hindi short stories for Kids with moral:
कहानिया तो हम ने बहुत सुने होंगी लकिन हर कहानी की पीछे एक लेसन होता है जो हमे बताता है के हमरे जीवन में कोई भी कठनाई आ सकते है उस समय हमे कैसे उस मुश्किल समय से आसानी से निकलना है। इन कहनयो के माध्यम से हम आप को बहुत सरे अच्छी अच्छी बाते सिखाएंगे जिससे आप को बहुत कुछ सिखने को मिलेगा। और अगर आप के जीवन में कुछ समस्या आती है तो आप आसानी से उससे मुकाबला भी कर सकते है।
1 - चालाक मछली और मछवारे के कहानी (Hindi Short Story - A Clever Fish and Fisherman)
यह कहानी एक चालाक मछली और एक मछवारे की है। बहुत समय की बात है कि एक मछली तालाब में रहा करती थी। उस तालाब में बहुत से मछुआरे मछली पकड़ने के लिए आते थे। एक बार एक मछुआरा रोज की तरह वहां मछली पकड़ने के लिए आया और वह अपना जाल पानी में डालकर आराम से बैठ गया। और इंतजार करने लगा कि जैसे ही मछली है मेरे जाल में फंसेगी मैं इसे निकाल लूंगा और बाजार में जा कर बेच दूंगा। अचानक उसे अपनी जाल में कुछ उथल पथल दिखाई दी। उसे लगा की बहुत सारी मछलियां एक साथ उसके जाल में फंस गई हैं। वह यह सोच कर खुश होने लगा। उसने जल्दी से जाल को पानी से बाहर निकाला. जैसे ही जाल पानी से बाहर आया उसने देखा कि उसमें सिर्फ एक ही छोटी सी मछली फंसी है। यह देखकर मछुआरे को बहुत गुस्सा आया और उससे गुस्से में आकर उस मछली को जाल से बाहर निकाला और अपने हाथ में जोर से पकड़ लिया। जैसे ही उसने मछली को दबाया मछली ने उससे बात करनी शुरू कर दी। मछली को अपनी तरह बात करते हुए देखकर मछुआरा आश्चर्य में पड़ गया। मछली ने उससे कहा कि भगवान के लिए मुझे जाने दो मैं जिंदा रहना चाहती हूं और अगर तुमने मुझे पानी से बाहर रखा तो मैं जिंदा नहीं रह पाऊंगी। लेकिन उस मछुआरे ने उसकी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया। छोटी मछली ने फिर उससे कहा कि उसे पानी में जाने दे अगर वोह उसे पानी में जाने देगा तो वह मछुआरे को सोने की मछली ला कर देगी। मछुआरे को लालच आ गया और मछुआरे ने उस मछली को पानी में जाने दिया। जैसे ही मछली पानी ने गई वहां से गायब हो गई। बेचारे मछवारे ने बहुत देर इंतजार किया लेकिन वह मछली बाहर नहीं आई और ना ही उसने कोई सोने की मछली उसे लाकर दी। तो छोटे बच्चों हमें इससे यह सबक मिलता है कि हमें अपनी लाइफ को बचाने के लिए हमेशा सतर्क रहना चाहिए और हमें हमेशा चालाकी से काम लेना चाहिए । और अजनबीओ से सावधान रहना चाहिए और उन की बात नही सुन्नी चाहिए।
2 - कौए और गिहलारी के कहानी (Hindi Short Story - A Lazy Crow And Squirrel)
दोस्तों यह कहानी कौआ और गिलहरी की कहानी है। एक जंगल में एक पेड़ पर एक कौआ और एक गिलहरी रहा करते थे। दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे। सब कुछ मिल बाट कर खाते थे। और एक दूसरे की मदद भी करते थे। एक बार वर्षा का समय था और दोनों को भूख लग रही थी। और आसपास खाने के लिए कुछ भी नहीं था। तो कौवे के दिमाग में एक आइडिया आया। कौआ ने गिलहरी से कहा इस वर्षा ऋतु के बाद हम खेती करेंगे और अनाज उगायेगे फिर उसे इकट्ठा करके अपने पास रखेंगे। ताकि अगली बार जब भी बारिश का समय होगा हमें कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और हम आसानी से घर में बैठकर ही सब कुछ खा सकते हैं गिहलारी के भी यह बात समझ में आ गई। जैसे ही वर्षा ऋतु समाप्त हुई गिलहरी और कौवे ने खेत में काम करना शुरू कर दिया। गिलहरी रोज सुबह उठकर खेत पर जाती और अनाज उगाने के लिए बहुत मेहनत करती। कौआ शुरुआत के दिनों में तो गिलहरी के साथ गया लेकिन कुछ दिन बाद उसने गिलहरी के साथ जाना बंद कर दिया। गिहलारी रोज सुबह कौए को खेत पर जाने के लिए कहती लेकिन कौआ उसे यह कह कर टाल देता कि मैं थोड़ी देर में आता हूं। काफी समय बीत गया और खेत में अनाज उग चुका था। सिर्फ उसे काटना बाकी था। जब गिलहरी अनाज लेने के लिए जा रही थी तो उसने कौआ से कहा कि तुम भी साथ चलो अपने हिस्से का अनाज अपने साथ लेकर आना। लेकिन कौए ने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया। गिहलारी ने अपने हिस्से का अनाज खेत से लाकर अपने घर में इकट्ठा कर लिया लेकिन कौआ अपना अनाज काटने के लिए खेत पर नहीं गया। अचानक से बहुत तेज बारिश आ गई और कौवे का सारा का सारा अनाज बर्बाद हो गया। लेकिन गिहलारी के पास बहुत सारा अनाज था इसलिए वर्षा ऋतु में उस ने आराम से घर बैठ कर खूब अनाज खाय। लकिन दूसरी तरफ कौआ बहुत परेशान रहा क्योंकि उसके पास खाने के लिए कुछ भी नहीं था। तो बच्चों इस Moral Of the short story यह है की हमें अपना काम समय से करना चाहिए और हमें कभी भी अपने काम में आलस नहीं करना चाहिए। हमें अपना काम खत्म करके समय से पहले ही रख देना चाहिए ताकि अगर कोई भी मुसीबत आए तो हम उसका सामना आसानी से कर सके। और साथ साथ हमे दुसरो पर डेपेंड नही होना चहिए।
3- खरगोश के सर पर आसमान टूट कर गिरा ( Hindi Short Story - Sky About To Fall)
4 - शेर और चूहे के कहानी (Hindi Short Story - A Lion and A mouse)
5 - चालक खरगोश और शेर की कहानी (Hindi Short Story - A Clever Rebit And a Lion)
6 - दो अलसी दोस्त (Hindi Short Story - Two Lazy Friends)
7 - ईमानदार लकड़हारा (Hindi Short Story - Honest wood cutter)
एक गांव में एक लकड़हारा रहता था और वोह रोज़ जंगल में लकड़ियां काटने के लिए जाता था। और बहुत मेहनत करके अपने परिवार का लालन पालन करता था। एक बार जब वोह लकड़ियां काटने के लिए जंगल में गया तो एक तालाब के पास रुक गया। तालाब के पास काफी पेड़ थे। जहां पर वह लकड़ियां काट रहा था वहां पर एक बड़ा तालाब था। उसने सोचा कि क्यों ना एक बड़े पेड़ को काटकर ज्यादा लकड़ियां इकट्ठी कर ली जाए। वह बड़े पेड़ को काटने लगा लकिन बारे पेड़ को काटना इतना आसान नही था। वोह काफी तेज़ कुल्हाड़ी चला रहा था। अचानक उसकी कुल्हाड़ी उस के हाथ से छूट गई और पानी में जा गिरी। तालाब बहुत गहरा था और लकड़हारे को तैरना भी नहीं आता था। वो सर पकड़ कर रोने लगा। क्योंकि लकड़हारे के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह दूसरी कुल्हाड़ी खरीद सके। लकड़हारे को रोता हुआ देखकर एक बड़ी मछली पानी से बाहर आई और उसने लकड़हारे से पूछा कि क्या बात है। लकड़हारे ने उसे पूरी बात बताई और कहा अगर वह उसकी कुल्हाड़ी लाकर दे तो बहुत खुश हो जाएगा। मछली पानी के अंदर गई और उसको सोने की कुल्हाड़ी लाकर दिखाएं। लेकिन लकड़हारे ने उस सोने के कुल्हाड़ी लेने से मना कर दिया। और कहा कि यह मेरी कुल्हाड़ी नहीं है। मछली फिर पानी के अंदर गई और इस बार चांदी की कुल्हाड़ी लेकर आई। लकड़हारे ने फिर से वो चाँदी की कुल्हाड़ी लेने से मना कर दिया और बोला यह कुल्हाड़ी भी मेरी नहीं है।
मुझे सिर्फ मेरी ही कुल्हाड़ी चाहिए। मछली फिर पानी में गई और उसकी लकड़ी की कुल्हाड़ी उठा लाए। लकड़हारे अपने कुल्हाड़ी देख कर बहुत खुश हुआ। और अपने कुल्हाड़ी ले कर फिर से पेड़ काटने में लग गया। Hindi Short Story Moral : इस कहानी का मोरल यह है कि हमें हमेशा इमानदारी से काम लेना चाहिए और कभी भी हमें लालच नहीं करना चाहिए।
8 - एक ईमानदार लड़की की कहानी। (Hindi Short Story - Honest Little Boy)
बहुत पुरानी बात है एक लड़का एक छोटे से गांव में रहता था। लेकिन वह पढ़ना चाहता था और पढ़ने और पढ़ाई करने के लिए उसे बहुत दूर सफर करना जरूरी था। उस समय सफर करना इतना आसान नहीं था। उस बच्चे की मां ने सोचा कि मैं इसे शहर किसे काफिले की साथ पढ़ने के लिए भेज देती हूं। उस बच्चे की मां ने उस बच्चे की जैकेट में अंदर की तरफ कुछ पैसे रख कर सी दिए टेक किसे को उन पैसो की बारे मे पता ना लग सके, और उसी काफिले की साथ शहर भेज दिया। लेकिन रास्ते में उस काफिले को डाकू ने घेर लिया। डाकू ने सारा माल लूट लिया। यह बच्चा दूर खड़ा हुआ था, एक डाकू इस बच्चे के पास आया और पूछा कि तुम्हारे पास क्या है। वो बचा बहुत ईमानदार था। बच्चा बोला मेरी जैकेट में कुछ पैसे हैं जो मेरी मां ने अंदर की तरफ सी दिए है। यह सुनकर डाकू हंसने लगा, उसे लगा कि बच्चा मजाक कर रहा है। वो डाकू उस बच्चे को पकड़ कर अपने सरदार के पास ले गया। सरदार ने भी उससे यही सवाल किया कि तुम्हारे पास क्या है ,उस बच्चे ने यही जवाब दिया कि मेरी माँ ने मेरी जैकेट में कुछ पैसे अंदर की तरफ सी दिए हैं। आप से ले सकते हो। जब डाकू ने उस जगह को खोला तो उसमें बहुत सारे पैसे निकले। डाकुओं के सरदार ने कहा कि तुमने हमें क्यों बताया कि तुम्हारी जैकेट में बहुत सारे पैसे हैं। तो उस छोटे बच्चे ने जवाब दिया की मेरी मां ने कहा था कि कभी झूठ नहीं बोलना, झूठ बोलना बुरी बात होती है। डाकू को यह सुन कर बारे अस्चर्य हुआ, और उसने उसे हमेशा के लिए तौबा कर ली। Hindi Short Story Moral : तो बच्चों से हमेशा मिलता है कि हमें कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए चाहे कोई भी परिस्थिति हो हमें हमेशा सच का साथ देना चाहि।
9 - गरीब लकड़हारे की कहानी
एक गांव में एक बहुत अमीर परिवार रहता था। जिसमे दो भाई अपने पिता के साथ रहते थे। छोटा भाई जिसका नाम अलीबाबा था , वो बहुत ईमानदार था। लेकिन उसका बड़ा बही बहुत ही बेईमान और धोकेबाज़ था। एक दिन उनके पिता की मृत्यु हो गयी। बाप के मर जाने के बाद अलीबाबा भाई ने धोके से घर और सारी दौलत हड़प कर ली। और अपने छोटे भाई को एक फूटी कोड़ी भी नहीं दी। और अपने छोटे भाई अलीबाबा को घर से निकाल दिया। क्योकि अलीबाबा बहुत ही ईमानदार और सबर वाला था। इसलिए वो चुपचाप घर से चला गया। अलीबाबा के बड़े भाई ने पैसो के लालच में एक बहुत अमीर लड़की से शादी कर ली। जिससे वो और भी ज़्यादा अमीर हो गया। उधर अलीबाबा ने भी एक गरीब और ईमानदार लड़की से शादी करल।
अलीबाबा रोज़ जंगल में लकडिया काटने जाता और उसे बाजार में बेच कर जो पैसे मिलते उससे अपना गुज़ारा करता। उधर उसका अमीर भाई खूब शानो शौकत से रहता और खूब फल व अच्छे अच्छे खाने खाता। एक दिन अलीबाबा जंगल में लकडिया काट रहा था। तभी उसने देखा की कुछ डाकू घोड़े पर सवार होकर एक गुफा की तरफ जा रहे है। अलीबाबा उन्हें देख कर डर गया लेकिन फिर भी वो उन डाकुओ को छुप छुप कर देखने लगा। वो डाकू एक गुफा के पास पहुंचे वहाँ पहुंच कर उन डाकुओ के सरदार ने उस गुफा के दरवाज़े के पास जाकर कहा खुल जा सिम सिम। तभी अचानक उस गुफा का दरवाज़ा अपने आप खुलने लगा। अलीबाबा यह सब देख रहा था। वो यह सब देख कर चौक गया। तभी वो सब डाकू उस गुफा में चले गए और वो दरवाज़ा अंदर से बन्द हो गया। अलीबाबा को कुछ समझ में नहीं आ रहा था। की यह हो क्या रहा है।
देखते ही देखते फिर वो दरवाज़ा अचानक खुल गया और वो सभी डाकू उस गुफा से बाहर निकल कर चले गए। अलीबाबा ने सोचा की मुझे भी इस गुफा में जाकर देखना चाहिए की इसमें ऐसा क्या है। कुछ देर सोचने के बाद अलीबाबा उस गुफा के पास गया और उसने भी यही आवाज़ लगाई खुल जा सिम सिम ! यह कहते ही दरवाज़ा अचानक से खुलने लगा अलीबाबा बहुत डरा हुआ था। उसे कुछ समझ नहीं आरहा था की यह सब क्या हो रहा है। लेकिन फिर भी उसने हिम्मत जुटाई और वो उस गुफा के अंदर चला गया।
गुफा के अंदर जाते ही उसकी आंखे खुली की खुली रह गयी , क्योकि उस गुफा के अंदर उन डाकुओ के द्वारा लूटा हुआ खज़ाना रखा था।
अलीबाबा यह देखकर बहुत खुश हो गया क्योकि इतने हीरे जवाहरात और सोने की अशर्फिया उसे बहुत अमीर बना देती। उसने वह से दो बोरे अशर्फियों के लेकर अपने घर आ गया। इतने सोने की अशर्फिया देख कर उसके बीवी घबरा गयी के अलीबाबा तो बहुत गरीब है इनके पास इतनी बहुत अशर्फिया कहाँ से आई। तब अलीबाबा ने अपनी पत्नी को पूरी बात बताई यह सुनकर वो भी बहुत खुश हो गयी।
इस तरह अलीबाबा रोज़ उस गुफा में जाकर वहाँ से खज़ाना ले आता। जिससे वो दिन बा दिन बहुत मालामाल हो गया। जब उसके लालची भाई को यह बात पता चली की अलीबाबा बहुत अमीर हो गया है। तो वो अलीबाबा के घर गया और उसने अपने छोटे भाई की गर्दन पर चाकू रख कर पूछा की बता तेरे पास इतना पैसा कहाँ से आया। अलीबाबा का बड़ा भाई बहुत ही लालची और बुरा इंसान था। इसलिए अलीबाबा ने सोचा की यह मुझे मार देगा इसलिए अलीबाबा ने अपने भाई को पूरी कहानी बताई। यह बात सुनकर अलीबाबा का लालची भाई उसी दिन उस गुफा की तरफ चला गया। और उसने गुफा के पास जाकर वही लफ्ज़ दोहराए खुल जा सिम सिम
जैसे ही वो अंदर गया वो इतना खज़ाना देख कर पागल हो गया क्योकि वो बहुत लालची था इसलिए उसने सारा खज़ाना एक घोड़े के ऊपर लाद दिया लेकिन जैसे ही वो वापस गुफा के दरवाज़े की तरफ गया वो उस दरवाज़े को खोलने का तरीका भूल गया उसकी बहुत कोशिश के बाद भी उसे वो बात याद नहीं आई जिसे बोलने से वो दरवाज़ा खुल जाता
तभी अचानक वो डाकू वहाँ वापस आ गए जब उन डाकुओ ने अलीबाबा के भाई को गुफा में ख़ज़ाने के साथ देखा तो वो बहुत गुस्सा हो गए क्युकी वो उनका लुटा हुआ खज़ाना लूटने आया था
डाकुओ ने अलीबाबा के भाई को पकड़ लिया और उसकी गर्दन काट दी और उसे लालच के कारण अपनी जान से हाथ धोना पड़ा
इस कहानी से हमे सबक मिलता है की हमे कभी भी लालच नहीं करना चाहिए लालच बहुत बुरी चीज़ है.
10- गरीबो के मदत ज़रूर करो (Short Story For Poor People)
मैं एक नाटक से लौट रहा था, जब मेरी नजर एक गाड़ी पर पड़ी जो बिल्कुल तटस्थ खड़ी थी। मैं उसे नजदीक से देखने के लिए जा पहुंचा तो देखा कि उसमें एक लड़की बैठी थी। वह अपने हाथों में कुछ चीजें लिए हुए थी और उन्हें बार-बार देख रही थी।
मैंने उस गरीब लकड़ी से पूछा, "क्या हुआ बेटी क्या तुम्हे कोई दिक्कत है क्या?"
वह उस बात का जवाब नहीं दिया बल्कि मुझसे उस चीज को देखने के लिए कहा जो उसे लेने के लिए लाया था। मैंने उसे देखा तो वह एक छोटी सी प्याज की तरह दिख रही थी। मैंने पूछा, "यह तो सिर्फ एक प्याज है। क्या आप इसे लेना चाहती हैं?"
उसने बिना कुछ कहे हाथ में लिए हुए प्याज को मुझे दे दिया। मैं थोड़ा हैरान हो गया था लेकिन मैंने उसे धन्यवाद कहा और वहाँ से चला गया।
घर लौटने पर मैंने उस प्याज को बहुत ध्यान से देखा और देखा कि इसमें कुछ अलग था। मैंने इसे काटा तो देखा कि इसमें कई चौकाने वाले सोने के टुकड़े थे। यह देख कर में बहुत खुश हुआ और में वह वापस गया जहां से मेने इसे लिया था। लकिन जब में वह पंहुचा तो देखा के वो लड़के वह से जा चुकी थी। में उस लड़की की सहायता करना चाहता था। आप को भी हर गरीब इंसान के सहायता करने चाहिए।
एक बार एक युवक अपने गांव रहता था। वो अपने सपनो को पूरा चाहता था इसे लिए वो बड़ी उमंग से अपने सपनों की खोज में निकल पड़ा। उसने कल्पना की कि वह अपने गांव से दूर जाकर एक बड़ी स्थान पर सफलता हासिल करेगा।
11- साहसी लड़के की कहानी. (Bereave Boy Short Story)
वह अपनी लगन, मेहनत और संघर्ष से अपने सपनों की उम्मीद में अग्रसर होता चला गया। उसने नौकरी के लिए बहुत तलाश की , लकिन उसे कोई नौकरी नही मिली लकिन वो फिर भी तलाश में लगा रहा. और एक दिन उसे एक अच्छी नौकरी मिल ही गई।
धीरे-धीरे उसकी लगन और मेहनत ने उसे उन्नति के पथ पर ले जाना शुरू कर दिया। उसकी लगन और संघर्ष ने उसे अगले चरण में ले जाया और उसे एक बड़ी कंपनी में नौकरी मिल गयी।
वह अपने काम में दिल लगाकर काम करने लगा और समय के साथ-साथ उसे अधिक सफलता मिलने लगी। उसने एक साफ, सुखद और संतुलित जीवन जीने का आनंद लेना शुरू कर दिया।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में संघर्ष स्थायी होता है। हमें कमजोर नहीं होना चाहिए, बल्कि इससे ज्यादा मजबूत होना चाहिए।
12 - बंदर और मदारी की कहानी (Monkey Short Story)
एक जंगल में एक मदारी रहता था जो एक बंदर को अपने साथ रखता था। मदारी ने बंदर को सिर्फ नाचने और नाटक करने के लिए शिक्षा दी थी। बंदर ने भी इस नाच-गाने में मजा लेना शुरू कर दिया था और उसे बड़ी खुशी मिलती थी कि लोग उसकी नाच गाने के लिए खुश होते थे।
एक दिन, बंदर ने एक झोपड़ी में सोते हुए दो मुर्गे देखे। बंदर ने मदारी से कहा, "देखो, दो मुर्गे तो अपने साथ रहने के लिए जगह ढूंढ लिया हैं। क्या हम भी नहीं कर सकते?"
मदारी ने बंदर के विचार को समझते हुए एक झोपड़ी खरीद ली और बंदर को वहाँ रखने लगा।
बंदर अपनी नाच-गाने की प्रवृत्ति से अधिक व्यस्त हो गया था और वह उस झोपड़ी से बाहर नहीं निकलता था। उसकी सेहत भी खराब होने लगी थी।
एक दिन, बंदर की सेहत इतनी खराब हो गयी कि उसने नाचना छोड़ दिया था। मदारी ने उसे डॉक्टर के पास ले जाया लेकिन उसकी सेहत सुधार नहीं पायी और बंदर मर गया।
इस से हमे यह शिक्षा मिलती है की हमे अपने साथ रहने वाले जानवरो का भी बहुत ख्याल रखना चाहिए.
13- नानी माँ और छोटे लड़के की कहानी (Short Story For A little Boy and Gradmother)
एक बार एक नए शहर में रहने वाले छोटे से लड़के के पास एक नानी मा रहती थी। नानी मा बहुत सारी कहानियां सुनाती थीं और लड़का उन्हें सुनकर बहुत खुश होता था। उस शहर में एक दिन एक मेले का आयोजन हुआ। नानी मा ने लड़के को मेले पर ले जाने के लिए कहा। लड़का बहुत खुश हुआ और वहाँ जाने के लिए तैयार हो गया।
मेले में लड़का बहुत सारी चीजें देखता था और उसे सबकुछ खरीदना था। लेकिन उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह सब कुछ खरीद सके। उसे बहुत दुख हुआ कि उसे सिर्फ कुछ चीजें ही खरीदने मिल पायी।
फिर लड़का नानी मा के पास गया और बताया कि उसे बहुत दुख हुआ कि उसे सब कुछ खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। नानी मा ने लड़के से पैसे के बिना भी खुश रहने का तरीका सिखाया और बताया कि वास्तव में खुशी पैसों से नहीं बल्कि अपने दिल में होती है।
लड़के ने उस दिन नानी मा की बात मान ली और उसके बाद से उसके दिल में हमेशा खुशी रह होती रही। वह नानी मा को बहुत अधिक प्यार करने लगा और उसके साथ समय बिताना शुरू कर दिया। नानी मा ने लड़के को अपने साथ बैठकर कहानियां सुनाना शुरू की और उसे एक सबक सिखाने लगी।
एक दिन लड़के ने नानी मा से पूछा, "नानी मा, क्या आप अब भी मुझे दुकानों में लेकर जाएंगी?"
नानी मा ने उससे कहा, "नहीं बेटा, मुझे अब नहीं जाना है। मेरी आयु अब बहुत ज्यादा हो गई है और मैं थक चुकी हूँ। लेकिन तुम्हारा काम अभी शुरू होना है।"
लड़के ने अपनी नानी मा के वचन को मानते हुए कहा, "ठीक है नानी मा, मैं अपना काम करूंगा।"
लड़के ने अपनी मेहनत से बड़ी उच्चतम शिक्षा हासिल की और एक अच्छी कंपनी में नौकरी पाई। वह नानी मा को बहुत खुश और गर्वित महसूस करता था। नानी मा ने उससे कहा, "अब तुम्हें अपने आप को संभालना होगा। और याद रखना, खुशी और सफलता के लिए पैसों से नहीं, अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से जुड़ा होता है।"
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